गैर कृषि अनुमति मिलने के बाद भी घरों और जमीनों पर जंगलों का पंजीकरण किया गया

अंबरनाथ (सरफराज खान) :  जिला कलेक्टर कार्यालय से गैर कृषि अनुमति मिलने के बाद भी अंबरनाथ तहसील के कई गांवों में घरों और जमीनों पर जंगलों का पंजीकरण किया गया है यह पंजीकरण 1992 के आसपास दर्ज किया गया था इससे पहले जिन किसानों ने बैंकों से कर्जा लेकर घर बनाने के लिए अपनी जमा पूंजी निवेश की या एक-दो घंटे जमीन खरीदी है वह सभी अब मुश्किल में आ गए हैं इस कानून को तत्काल प्रभाव में रद्द करने की मांग शिवसेना के उपजिला प्रमुख एकनाथ शेलार ने की है मिली जानकारी के मुताबिक कई लोगों ने 1975 के आसपास अंबरनाथ तालुका के ग्रामीण इलाकों में जमीन खरीदी और ठाणे जिला कलेक्टर से गैर कृषि अनुमति के बाद मकान और बंगले बनवाएं है तभी कुछ लोगों ने 2 से 4 घंटे जमीन खरीदी थी तब उन जमीनों पर जंगलों औरतें थी वन विभाग का कोई भी रिकॉर्ड नहीं था हालांकि 1992 से यह जमीन ए जंगल की जमीन के तौर पर दर्ज की गई है एक नाचेला ने सवाल उठाया है कि क्या यह उन लोगों पर ज्यादती नहीं है जिन्होंने कलेक्टर के आने के आदेश को देखने के बाद इन जमीनों को खरीदा है शिवसेना के ऊपर जिला प्रमुख एकनाथ शेलार नहीं यह भी सवाल उठाया है कि जब जमीन इस क्षेत्र में है तो एन ए आदेश जारी करते हुए जिला कलेक्टर कार्यालय ने इस पर विचार क्यों नहीं किया