महाराष्ट्र के कई इलाकों में भारी बारिश की संभावना


मुंबई : मुंबई शहर पर निसर्ग चक्रवाती तूफान का खतरा मंडरा रहा है। तूफान की वजह से भारी बारिश और तूफानी हवाएं चलने का अनुमान है। एनडीआरएफ, नेवी समेत तमाम रेस्क्यू एजेंसियां मुस्तैद हैं। पीएम मोदी हालात पर नजर बनाए हुए हैं। गुजरात में इसके लैंडफॉल नहीं करने की संभावना है। इस बीच मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि निसर्ग विकराल रूप ले सकता है। रेड अलर्ट जारी किया गया है। जानिए निसर्ग की हर हलचल का अपडेट गुजरात के नवसारी जिले के मेंढर और भाट गांवों से लोगों को एनडीआरएफ की टीमें बाहर निकालने में जुटीं। लोगों को बसों की मदद से रेस्क्यू किया जा रहा है। भारतीय मौसम विभाग (पुणे) के डॉ. अनुपम कश्यप ने कहा- चक्रवात निसर्ग कल अलीबाग के पास पहुंचेगा। लैंडफॉल के वक्त हवा की स्पीड 100 किलोमीटर प्रति घंटा के करीब रह सकती है। कल पुणे, ठाणे, मुंबई, रायगढ़, धुले, नांदुरबार और नासिक में भारी बारिश की संभावना है। महाराष्ट्र के पालघर में एनडीआरएफ की टीमें तैनात कर दी गई हैं। एनडीआरएफ के अधिकारियों ने कहा है कि समुद्र तट से लगे लगभग 13 गांवों के लोगों को बाहर निकाला जाएगा। हम सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए ऑपरेशन के लिए तैयार हैं। महाराष्ट्र में अभी तक एनडीआरएफ की कुल 15 टीमें तैनात की जा चुकी हैं। इसमें से तीन टीमें मुंबई में, चार टीमें रायगड़ में, दो-दो टीमें ठाणे, पालघर और रत्नागिरी में और एक-एक टीमें नवी मुंबई और सिंधुदुर्ग में तैनात हैं। निसर्ग चक्रवात को देखते हुए गुजरात में 20 हजार लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित जगहों पर ले जाया जाएगा। वलसाड और नवसारी में जिला प्रशासन तटीय इलाके के 47 गांवों से लोगों को निकालने का इंतजाम कर रहा है। आईएमडी ने संकेत दिया है कि ऐसा संभव है कि निसर्ग चक्रवात गुजरात में लैंडफॉल न करे। राज्य के मौसम विभाग केंद्र के निदेशक जयंता सरकार का कहना है कि तटीय इलाकों में इसकी वजह से तेज हवाएं चलने के साथ भारी बारिश हो सकती है। वलसाड के कलेक्टर आरआर रावल ने बताया, ’35 तटीय गांवों के लोगों को शिफ्ट करने के लिए हमने अपनी टीमों को लगाया है। हमने पहले ही शेल्टर होम चिह्नित कर लिए थे। लोगों को निकालने का काम जारी है।’ नवसारी जिले के कलेक्टर आर्द्रा अग्रवाल का कहना है कि प्रशासन ने 12 गांवों के 10,200 लोगों को शिफ्ट करने का काम शुरू कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा कि भारत के पश्चिमी तट पर चक्रवात के हालात पर मैंने चर्चा की है। पीएम ने ट्ववीट में लिखा, ’मैं सभी लोगों की कुशलता के लिए प्रार्थना कर रहा हूं। मैं लोगों से अपील करता हूं कि जितना संभव हो सावधानियां बरतें, साथ ही सुरक्षात्मक उपाय करें।’ महाराष्ट्र में 10 और गुजरात में एनडीआरएफ की 11 टीमें तैनात की गई हैं। गुजरात ने पांच और टीमों की मांग की है। इसके लिए पंजाब से अब टीम बुलाई जा रही है। एनडीआरएफ के डीजी एसएन प्रधान का कहना है कि पांच अतिरिक्त टीमें आज देर रात गुजरात पहुंच जाएंगी। डीजी प्रधान ने बताया कि गुजरात में 16 और महाराष्ट्र में कुल 10 टीमें तैनात होंगी। इसके साथ ही महाराष्ट्र में हालात बिगड़ने की सूरत में 6 अतिरिक्त टीमों को स्टैंडबाई मोड में रखा गया है। गुजरात के लिए 2 टीमें रिजर्व रखी गई हैं। ईस्ट-सेंट्रल अरब सागर के ऊपर गहरे दबाव वाला क्षेत्र सक्रिय हो गया है। यह आगे चलकर तीव्र चक्रवाती तूफान में बदलने वाला है। 3 जून को दोपहर में यह महाराष्ट्र के समुद्री तट को पार करेगा। उत्तरी महाराष्ट्र और दक्षिणी गुजरात के तटीय इलाकों में अलर्ट जारी किया गया है। कोस्ट गार्ड की तरफ से लगातार मछुआरों को मौसम के बारे में जानकारी देने के साथ अलर्ट जारी किया जा रहा है। इसके साथ ही उनकी नौकाओं को सुरक्षित ठिकाने पर लाने का इंतजाम किया जा रहा है।महाराष्ट्र के पुनर्वसन मंत्री विजय वडेट्टिवार का कहना है कि चक्रवात का असर दक्षिण अरब सागर में ज्यादा देखने को मिल सकता है। इसके बारे में लोगों को अलर्ट किया है। साथ ही मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने को कहा गया है। मुंबई, कोंकण और सिंधुदुर्ग के इलाकों में समुद्री किनारों पर सभी को अलर्ट किया गया है। छक्त्थ् की 6 टीमें तैनात की गई हैं। चक्रवात से लड़ने के लिए पूरी तैयारी हमने कर ली है। लोगों से अपील है कि इसको लेकर डरने की जरूरत नहीं है। निसर्ग तूफान के मद्देनजर तटीय पालघर और रायगढ़ जिलों में स्थित रासायनिक और परमाणु ऊर्जा संयंत्रों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त एहतियात बरती जा रही है। इसके अलावा अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की दस इकाइयों को संवेदनशील जिलों में तैनात गया है, जबकि छह अन्य को तैयार रहने को कहा गया है। भारतीय मौसम विभाग (प्डक्) के मुताबिक इस बात की पूरी संभावना है कि अगले 12 घंटों के दौरान चक्रवाती तूफान विकराल रूप धारण कर सकता है। आईएमडी के मुताबिक चक्रवात ईस्ट-सेंट्रल अरब सागर के ऊपर पणजी (गोवा) के पश्चिम दक्षिण-पश्चिम से 280 किलोमीटर दूर है। इसके साथ ही मुंबई के दक्षिण और दक्षिण-पश्चिम से यह 490 किलोमीटर दूर है। वहीं गुजरात के सूरत से यह 710 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में स्थित है। निसर्ग तूफान का असर दिखना शुरू हो गया है। महाराष्ट्र और गुजरात तटों पर अलर्ट जारी कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि 110 किलोमीटर प्रति घंटे की तरफ्तार के साथ यह तूफान तटों से टकराएगा। मुंबई महानगरपालिका ने चौपाटी पर खतरे के निशान के तौर पर लाल झंडे के निशान लगाए हैं। निसर्ग की वजह से मुंबई में बारिश का सिलसिला शुरू हो गया है। कई इलाकों में बूंदाबांदी का दौर और हल्की-हल्की बारिश हो रही है। आईएमडी ने कहा है कि डिप्रेशन के चक्रवात में तब्दील होने के बाद मुंबई और पश्चिमी महाराष्ट्र के तटीय इलाके में रेड अलर्ट रहेगा। मुंबई पर निसर्ग तूफान का खतरा मंडरा रहा है। तूफान की वजह से भारी बारिश और तूफानी हवाएं चलने का अनुमान है। इस बीच एनडीआरएफ, नेवी समेत तमाम रेस्क्यू एजेंसियां मुस्तैद हैं। मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया है। बीएमसी का कहना है कि निसर्ग महाराष्ट्र के पश्चिमी तट से 3 जून को टकराएगा। शून्य नुकसान के लिए सभी तरह की सावधानियां बरती गई हैं। असुरक्षित जगहों से लोगों को रेस्क्यू किया जा रहा है। नागरिकों से अपील की जाती है कि समुद्र के किनारे न जाएं, साथ ही किसी पेड़ या खंभे के नीचे न खड़े हों। निसर्ग के खतरे को देखते हुए समंदर की हर हलचल पर नजर रखी जा रही है। इस बीच पालघर में बड़ा रेस्क्यू प्लान बनाया गया है। अभी 100 नावें समुद्र में हैं। यहां एनडीआरएफ की टीमों को तैनात किया गया है। हालात का सर्वे करने के लिए एनडीआरएफ के जवान तटीय इलाकों पर निगरानी कर रहे हैं। सिंधुदुर्ग में भी स्थानीय प्रशासन के साथ एनडीआरएफ ने सर्वे किया। इस बीच महाराष्ट्र के अलग-अलग इलाकों में छक्त्थ् की टीमें तैनात की गई हैं। मुंबई में तीन, पालघर में दो, रायगड़ में दो और ठाणे में एक टीम को लगाया गया है। इसके अलावा रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग में भी एक-एक टीम तैनात की गई है।