उल्हासनगर  अब तक ११ मरीज ठीक होकर अपने परिवार के पास लौटे 


उल्हासनगर(सरफराज खान) : उल्हासनगर-3 के कोरोना हॉटस्पॉट परिसर ओटी सेक्शन के सम्राट अशोक नगर व चोपड़ा परिसर के ब्राह्मणपाड़ा के निवासी क्वारनटाईन में रखे गए लोगों में से 11 कोरोना पॉजिटीव का समाचार गुरुवार दोपहर को मिला है। ज्ञात हो कि बुधवार की रात को यहां 66 वर्षीय महिला की मौत कोरोना से हुई है।शहर में कोरोना बाधित स्रमाट अशोक नगर ओटी सेक्शन कैम्प 3 निवासी एक 66 वर्षीय महिला की बुधवार रात को मौत हो गई है। शहर में यह कोरोना से चौथी मौत है। बुधवार की रात को ही सोशल मीडिया पर मनपा आयुक्त ने कोरोना रिपोर्ट के वायरल करने के कुछ ही घंटे बाद यह खबर आयी कि कुछ दिनों पूर्व शहर के निजी साई प्लेटेनियम अस्पताल में भर्ती उपरोक्त महिला को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी वहां महिला की प्रकृति चिंताजनक थी उसका कोरोना टेस्ट कराया गया था और रिपोर्ट पॉजिटीव आने के बाद उसे तुरंत उल्हासनगर के कोविड अस्पताल में दाखिल किया गया जहां उपचार के दौरान उसकी रात 12 बजे मौत हो गई। उल्हासनगर-3 क्षेत्र अब पूरी तरह हॉटस्पॉट बना हुआ है कोरोना से पहली मौत कैम्प 3 फालोअर लाईन निवासी एक 87 वर्षीय महिला की क्रिटीकेयर अस्पताल में हुई थी। कैम्प 3 शांतिनगर के खन्ना कंपाऊड में एक 45 वर्षीय व्यक्ति की मौत हुई जो वडाला पुलिस कर्मी के संपर्क में आया था उसकी मौत भी निजी अस्पताल में ही हुई वहीं कैम्प 4 के श्रीराम नगर में पूर्व बेस्ट बस कर्मी की मौत कोरोना से हुई। इस तरह शहर में अब तक 4 लोगों की मौत हुई है। शहर में यह मामले क्यों बढ़ रहे हैं क्यों इतनी मौतें हो रही हैं यह चिंता का विषय है। कुछ दिनों पूर्व शहर के एक निजी अस्पताल में एक कोरोना ग्रस्त महिला का कोरोना रिपोर्ट आने से पूर्व आपरेशन किया गया जिस कारण मैक्स लाईफ अस्पताल को सील किया गया। इस तरह क्रिटीकेयर अस्पताल में भी महिला की मौत के चलते अस्पताल पर आरोप लगाए गए लेकिन मामला दबा दिया गया और अस्पताल को भी सील नहीं किया। कैम्प 4 में शिवनेरी अस्पताल भी सील हो चुकी है। दूध विक्रेता जिसे कोरोना पॉजिटीव हुआ था वो जेसवानी अस्पताल में घूमता पाया गया था, वहीं कल्याण के मीरा अस्पताल की लापरवाही से और जानकारी न देने से कोरोना ग्रस्त उल्हासनगर की महिला इधर उधर घूम रही थी। जिस कारण अन्य लोग उसके संपर्क में आए। कोरोना ग्रस्त मरीज को निजी अस्पताल बाहर फेंक देता है और मनपा प्रशासन की लापरवाही से उसको ईलाज में देरी हो रही है जिस कारण यह रोग फैल रहा है। क्वारनटाईन में रखे मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है उनकी रिपोर्ट आने के बाद शहर में यह मामले और भी बढ़ेंगे।उल्हासनगर महानगरपालिका आयुक्त सुधाकर देशमुख शहर में कोरोना के मामले रोकने में पूरी तरह विफल साबित हुए हैं। शहर में स्वेब जांच के लिए कई लोग वंचित देखे गए कुछ दिनों पूर्व जब एक पत्रकार ने फोन पर उनसे एक मरीज के कोरोना जांच कराने के विषय में पूछा तो उन्होंने कहा कि मरीज स्वयं जाएं स्वेब सेंटर अथवा हमारे आरोग्य अधिकारी से बात करें। इतना ही नहीं पूछे जाने पर जब उन्हें यह बताया गया कि वो अपने कोरोना ग्रस्त भाई के संपर्क में आने के कारण स्वेब टेस्ट कराना चाहता है तो उनका जवाब लाजवाब था उन्होंने कहा कि उसने बहुत अच्छा किया आप भी जाओ उनसे हाथ मिलाकर आओ। इस तरह का लापरवाह जवाब उन्होंने एक पत्रकार को दिया। जबकि अगर कोई नागरिक स्वेब जांच कराना चाहता है तो उसे तुरंत एम्बूलैंस भेजकर उसकी जांच करानी चाहिए ताकि यह रोग न फैले उसे बाद में एक नगरसेवक की मदद से जांच कराई गई। इस तरह शहर में कई लोग कोरोना जांच कराना चाहते हैं लेकिन मनपा प्रशासन की लापरवाही के कारण उन तक कोई भी एम्बूलैंस अथवा सेवा नहीं पहुंच रही। सरकार द्वारा विशेष फंड के तहत कोविड अस्पताल आदि की सहुलियत को शहरवासियों तक नहीं दिया जा रहा है वहीं कल ट्वीटर पर एक मैसेज पर मुख्यमंत्री से मनपा प्रशासन की शिकायत की गई कि क्वारनटाईन सेंटर में कैद लोगों को खाना तक नहीं दिया जा रहा है और साफ सफाई का भी आभाव है। इस वायरल मैसेज से बौखलाकर मनपा प्रशासन ने आदेश दिया कि अगर क्वारनटाईन सेंटर में जो नजरबंद है वो अपने खर्चे पर शहर के कुछ निजी होटलों में जाकर रह सकते हैं। मनपा प्रशासन कोरोना के मरीजों की जानकारी पत्रकारों को नहीं देने से शहर में गलत तरीके की अफवाहें फैल रही है। मनपा द्वारा जारी किए गए कॉल सेंटर से भी कोरोना संबंधित जानकारी न लोगों को दी जा रही है न पत्रकारों को। अगर सुनियोजित तरीके से क्वारनटाईन में रखे लोगों की जांच अथवा सुरक्षा हुई होती तो शहर में यह मामले नहीं बढ़ते। आयुक्त पर नेताओं व नगरसेवकों के दबाव का भी आरोप लगाया गया है।