उल्हासनगर (सरफराज खान) : उल्हासनगर महानगरपालिका में सध्य स्थिती में अधिकारी और कर्मचारियों की कमी हैं। देखने की बात यह हैं की नए अधिकारी और कर्मचारियों की भरती भी यहाँ नहीं हो रही हैं। इस बात का गैर इस्तेमाल कर कई अपात्र कर्मचारियों की प्रशासन के नियमोंका उल्लंघन करके पद्दोन्नती की जा रही हैं ऐसा आरोप कामगार नेता चरणसिंग टाक इन्होने किया हैं। आयुक्त द्वारा हाली में वादग्रस्त और अपात्र कर्मचारियों की पद्दोन्नती करने की बात सामने आयी हैं। महापालिका में वर्ग १ से २ के ७० प्रतिशत पद रिक्त हैं। आयुक्त ने अभी अभी निवृत्त हुए नगर रचनाकार मिलिंद सोनावणे और निवृत्त वैद्यकीय अधिकारी डॉ.राजा रिजवानी इन्हे निवृत्ती के बाद भी मानधन तत्त्व पर ६ महीने के लिए नियुक्त किया हैं। सध्य स्थिति में कुछ पदभार वादग्रस्त और आरोपों के निचे दबे हुए कर्मचारियों के हाथों में सौपे गए हैं। इस कारण कामगार संघटना ने अपनी नाराजगी जताई हैं। भांडार विभाग और सामान्य विभाग के प्रमुख मनीष हिरवे इन्हे सीधे सहायक सार्वजनिक आरोग्य अधिकारी की बढ़ती दे रहे हैं। जोकि अपात्र हैं। मनीष हिरवे यह सिर्फ १२ वि पास हैं और वर्ग २ के लिए ग्रेजुएशन पूरा होने का नियम लागू हैं। ऐसा होते हुए भी उन्हें सहायक सार्वजनिक आरोग्य अधिकारी इस पद में बढ़ती दे रहे हैं। मुख्य स्वच्छता निरीक्षक को ५ साल का बाजार निरीक्षक का भी अनुभव नहीं हैं। आज तक पालिका में बाजार खरेदी समिति अस्तित्व में नहीं हैं इसलिए मुख्य बाजार निरीक्षक पद का ५ साल का अनुभव हैं ऐसा नहीं माना जा सकता। इस कारन यह होने वाली पद्दोन्नती यह नियमबाह्य हैं ऐसा आरोप कामगार नेता कर रहे हैं। इस बारे में मनीष हिरवे इन्होने यह कहा की, "कामगार संघटना यह हमेषा पालिका प्रशासन पर आरोप करती रहती हैं। मेरी पद्दोन्नती के संदर्भ में मनपा प्रशासन द्वारा निर्णय लिया गया हैं"। इस घटना के कारन पालिका का वातावरण गर्म हैं। इस पालिका के निर्णय को लेकर कामगार संघटना आक्रमक हुई हैं। इस निर्णय को लेकर पालिका आगे क्या फैसला कराती हैं यह जल्द ही सामने आएगा।
उल्हासनगर महानगरपालिका में अपात्र कर्मचारियों की पद्दोन्नती