ठाणे : ठाणे महानगर पालिका की सीमा में कोरोना वायरस के कुल 19 संदिग्ध मरीज पाए गए हैं, जिसमें से 9 लोगों को इलाज के बाद छोड़ दिया गया है. बाकी के 10 लोगों की रिपोर्ट आने के बाद निर्णय लिया जाने वाला है. वहीँ दूसरी तरफ शहर में टूर्स और ट्रैवेल्स के माध्यम से विदेश से आये 111 लोगों को उनके घरों में ही निगरानी में रखा गया है. उक्त जानकारी ठाणे मनपा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनिरुद्ध मालगांवकर ने दी. मालगांवकर के मुताबिक जिन लोगों को बतौर सुरक्षा घरों में स्वास्थ्य विभाग की निगरानी में रखा गया है, वे लोग ईरान, कुवैत, फ्रांस, दुबई सहित अन्य कुछ देशों में काम से गए थे. इनमें से 9 मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव आई है, जबकि 10 मरीजों के रिपोर्ट आना बाकी है. जानकारी के अनुसार संदिग्ध मरीजों से प्रशासन के साथ चिकित्सकों ने लगातार संपर्क स्थापित किए हुए हैं. इसके आलावा पिछले 10 दिनों में टूर्स एंड ट्रैवेल्स द्वारा करीब 111 लोगों को मनपा ने कब्जे में लेकर उन पर प्राथमिक उपचार और जांच कर रही है. इनमें से कुछ लोगों को उनके घरों में रखा गया है तो कुछ को होटल और मनपा के क्वारंटाईन सेंटर में रखा गया है. इन लोगों को करीब दो सप्ताह तक निगरानी में रखा जाएगा और उनके खून, थूक और अन्य चीजों के नमूनों को लैब में जाँच के लिए भेजा गया है. मालगांवकर ने कहा कि सुरक्षा की दृष्टि से स्वतंत्र सूचना कक्ष स्थापित किया गया है और मनपा की सीमा में मरीजों की तलाश कर उन्हें चिकित्सकों की निगरानी में रखा जा रहा है. आम नागरिकों में जनजागरण पैदा करने आदि कार्यों को किया जा रहा है. इसके दो बिस्तरों का क्वारंटाईन सेंटर बनाया गया है, जिनमें जूपिटर अस्पताल में 2, मुंब्रा स्थित कालसेकर अस्पताल में 2, घोडबंदर रोड स्थित वेदांत अस्पताल में 5, कौशल्य अस्पताल में 2 और पोखरण क्रमांक 2 स्थित बेथनी अस्पताल में 2 बिस्तरों का आयसोलेशन कक्ष बनाया गया है. साथ ही मनपा प्रशासन की तरफ से रैपिड रिस्पॉन्स पथक गठित किया गया है और मनपा आपदा प्रबन्धन कक्ष में 24 घंटे एक डॉक्टर की 3 शिफ्टों में नियुक्ति की गई है. इसके आलावा निजी अस्पतालों से सहयोग न मिलने की शिकायत मिलने पर उन पर कारवाई करने का अधिकार संबंधित विभाग को दिया गया है. मालगांवकर ने कहा वर्तमान समय में ठाणे में एक भी पॉजिटिव कोरोना मरीज नहीं है. एक जो मिला था उसे मुंबई के कस्तूरबा अस्पताल में भर्ती कराया गया है. साथ ही उसकी पत्नी और दो बच्चों को कस्तूरबा अस्पताल भेजा गया था और तीनों की रिपोर्ट निगेटिव आई है. इसके आलावा कैब ड्रायवर द्वारा जिन 3 महिलाओं को क्रमशः 2 पांचपाखाड़ी और 1 मानपाड़ा में छोड़ा था, उन तीनों महिलाओं का रिपोर्ट भी निगेटिव आई है. ऐसे में ठाणे करों को घबराने की जरुरत नहीं है. लेकिन इसके बावजूद ठाणेकरों को कोरोना के संभावित खतरे से निपटने के सावधानी और सतर्कता बरतनी चाहिए. मालगांवकर ने ठाणेकरों से अपील किया है कि मास्क की जरूरत हो तो ही इसका उपयोग करें अन्यथा उपयोग न करें. क्योंकि जरूरत नहीं होने पर यदि नागरिक इसका उपयोग करते हैं तो उन्हें सांस संबधित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. इसके आलावा न्युमोनिया भी हो सकता है. साथ ही जो लोग मास्क का उपयोग कर रहे हैं उसकी क्षमता सिर्फ आठ घंटे की होती है और उसके बाद उसमें जंतु जमा हो सकते हैं इसलिए इसका उपयोग करते समय भी सतर्कता बरतें और 8 घंटे के बाद मास्क को फेंक दे अथवा कपड़े का मास्क है तो उसे गरम पानी में धोएं.