अंबरनाथ(सरफराज खान) :अंबरनाथ शहर पूर्व में छत्रपति शिवाजी महाराज चौक में श्री छत्रपती शिवाजी महाराज के पुतले को नए तौर पर सुशोभिकरण तथा मेघडंबरी बनाकर स्थापित किया गया। लेकिन शिवस्मारक के पिछले भाग में राजमुद्रा लगाने से राजमुद्रा की विडंबना और अपमान होने की शिकायत छत्रपती शासन प्रतिष्ठान के अध्यक्ष नरेश गायकर ने अंबरनाथ नगरपरिषद मुख्य अधिकारी नगरअध्यक्ष और उपनगर अध्यक्ष को कि है। तथा पुलिस विभाग और तहसीलदार को भी शिकायत की प्रति गई है। छत्रपति शासन प्रतिष्ठान के अध्यक्ष नरेश गायकर ने बताया कि मेघडंबरी और स्मारक का काम बहुत खूबसूरत किया गया है। लेकिन नगरपरिषद के चंद नगरसेवक एवं दानशूर बेचर पटेल और प्रशासन ने अपना नाम चमकाने के लिए बड़ी भूल की और शिवमुद्रा का घोर अपमान किया है। जिसके कारण शिव भक्तों की भावनाओं को ठेस पहुंची है। उन्होंने बताया कि, छत्रपती शिवाजी महाराज ने कई गढ़किलो का निर्माण किया। लेकिन अपने नाम की पाटी कहीं पर भी नहीं लगाई। इसके बावजूद इस स्मारक पर एक दानशूर व्यक्ती एवं लोक प्रतिनिधि के नाम की तख्ती लगाना स्वराज्य का अपमान करना है। जिस राजमुद्रा में स्वराज्य का सार है। उस राजमुद्रा को स्मारक के पिछले भाग में लगाकर खुद का नाम आगे लगाना ठीक नहीं है। शिव भक्तों को महाराज की शिव प्रतिमा के वंदन करते समय राजमुद्रा के बजाय इन लोकप्रतिनिधी और दानशूर व्यक्ती की तख्ती सामने दिखाई देनाअशोभनीय और निंदनीय है। इसीलिए उन्होंने नगरपालिका प्रशासन को अपनी भूल चूक सुधारने की मांग की है।
शिवस्मारक के पिछले भाग में राजमुद्रा लगाने से राजमुद्रा की विडंबना होने की शिकायत की गई