मुंबई : महाराष्ट्र सरकार के तमाम कदम उठाने के बाद भी किसान आत्महत्याओं के मामले थमते नहीं दिख रहे हैं। दिसंबर 2019 में ही 242 किसानों ने आत्महत्या की जबकि राज्य की ठाकरे सरकार ने तब तक किसानों के कर्जमाफी की घोषणा कर दी थी। अब 6 मार्च को आने वाले राज्य के बजट से पहले विधान परिषद ने सरकार के 24,719 करोड़ रुपये की अतिरिक्त मांग को मंजूरी दे दी है। बता दें कि राज्य के पुनर्वास मंत्री विजय वडेट्टीवार ने सदन में यह जानकारी दी थी। वहीं, सरकार की ओर से एनसीपी नेता और वित्त मंत्री अजित पवार ने कर्ज माफी स्कीम और दूसरे कदम उठाने के लिए अतिरिक्त फंड्स की मांग रखी थी जिसे पारित कर दिया गया। इससे पहले वडेट्टीवार बताया था कि अक्टूबर 2014 से अगस्त 2019 के बीच 14,591 किसानों ने आत्महत्या की। उस वक्त राज्य में फडणवीस सरकार थी। आत्महत्या करने वाले किसानों में 5,430 मामले किसी भी मदद के लिए अयोग्य हैं और 214 मामलों की जांच लंबित है। नवंबर 2019 में 308 और दिसंबर 2019 में ही 242 किसानों ने आत्महत्या की है। पुनर्वास मंत्री विजय वडेट्टीवार ने बताया है कि नागपुर और अमरावती विभाग के 11 जिलों के 1,286 किसानों ने 2019 में आत्महत्या की। उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र के उन छह जिलों के लिए विशेष पैकेज है, जहां बड़ी संख्या में किसानों ने आत्महत्या की। महाराष्ट्र विकास अघाडी ने हाल ही में किसानों के लिए ऋण माफ करने वाली योजना की घोषणा की थी।
किसानो को कर्जमाफी मिलने पर भी नहीं घटी आत्महत्या