एसबीआई कार्ड्स ने एंकर निवेशकों से जुटाए 2,769 करोड़ रुपये


नई दिल्ली : एसबीआई कार्ड्स ऐंड पेमेंट सर्विसेज ने दो मार्च को आईपीओ के खुलने से पहले 74 एंकर इन्वेस्टर्स से 2,769 करोड़ रुपये जुटा लिए हैं। कंपनी ने बीएसई को बताया कि सिंगापुर सरकार, मॉनिटरी अथॉरिटी ऑफ सिंगापुर, एचडीएफसी म्यूचुअल फंड, गवर्नमेंट पेंशन फंड ग्लोबल और बिड़ला म्यूचुअल फंड इन एंकर निवेशकों में शामिल हैं। इन्हें आईपीओ की कीमत के दायरे की ऊपरी सीमा 755 रुपये प्रति शेयर की दर से पेशकश की गई। एंकर निवेशक ऐसे संस्थागत निवेशक होते हैं, जिन्हें प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (प्च्व्) के खुलने से पहले ही उसमें हिस्सेदारी की पेशकश कर दी जाती है। इन 74 एंकर निवेशकों में 12 म्यूचुअल फंड शामिल हैं और इन्हें कुल 3,66,69,589 शेयर आवंटित किए गए। इन शेयरों का कुल मूल्य 2,768.55 करोड़ रुपये है। कंपनी का आईपीओ दो मार्च को खुलेगा और पांच मार्च तक खुला रहेगा। इसके लिए कीमत दायरा 750 से 755 रुपये प्रति शेयर रखा गया है। पिछले साल दाखिल डीआरएचपी के मुताबिक, कंपनी ऑफर फॉर सेल के जरिए बाजार में 13,05,26,798 इक्विटी शेयर लाएगी। इसमें 3,72,93,371 तक शेयरों की बिक्री एसबीआई, जबकि 9,32,33,427 शेयर कार्लाइल ग्रुप (ब्। त्वअमत) बेचेगी। इसके अलावा, कंपनी 500 करोड़ रुपये के ताजा इक्विटी शेयर भी जारी करेगी। एसबीआई कार्ड्स में एसबीआई की हिस्सेदारी 76 फीसदी, जबकि बाकी हिस्सेदारी कार्लाइल ग्रुप के पास है। एसबीआई कार्ड्स ऐंड पेमेंट्स सर्विसेज का शेयर ग्रे मार्केट में 200-250 रुपये के प्रीमियम पर ट्रेड कर रहा है। इकनॉमिक टाइम्स को यह जानकारी ऐसे ट्रेड्स में शामिल तीन डीलर्स ने दी है। आईपीओ के लिए कंपनी की वैल्यू 57,000-60,000 करोड़ रुपये लगाई जा सकती है। फाइनैंशल सर्विसेज अडवाइजरी फर्म वायना वेल्थ के एमडी अभिनव खत्री ने कहा, ’अनलिस्टेड शेयरों की भारी मांग है, क्योंकि यह थीम इंडियन कंजम्पशन स्टोरी पर आधारित है। निवेशकों को लग रहा है कि खास सेगमेंट में एसबीआई कार्ड्स की मौजूदगी को देखते हुए इसमें कारोबार की बड़ी संभावना नजर आ रही है।’ कोटक महिंद्रा कैपिटल, एक्सिस कैपिटल, डीएसपी मेरिल लिंच, नोमूरा फाइनैंशल अडवाइजरी, एचएसबीसी सिक्यॉरिटीज तथा एसबीआई कैपिटल मार्केट्स इस आईपीओ के बुक-रनिंग लीड मैनेजर्स हैं। नवंबर में इकनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एसबीआई कार्ड के लगभग 95 लाख ग्राहक हैं और एचडीएफसी बैंक के बाद कार्ड जारी करने वाली यह दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है। आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले तीन साल में भारत में क्रेडिट कार्ड से खर्च में सालाना 35.6þ की दर से बढ़ोतरी हुई है, जबकि क्रेडिट कार्ड बकाये में 25.6þ की बढ़ोतरी हुई है। कार्ड बिजनस के लिए इंडस्ट्री ऐवरेज 3.5þ है। पिछले 6-7 सालों में एसबीआई कार्ड की रिटर्न ऑन इक्विटी (त्वम्) 25þ से कम नहीं देखी गई है और इस दौरान यह लगभग 30þ के औसत में रहा है।