नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को स्पष्ट कर दिया कि निर्भया गैंगरेप एवं हत्या मामले में चार दोषियों को अलग-अलग फांसी दिए जाने की मांग करने वाली केंद्र की याचिका का लंबित रहना दोषियों को फांसी के लिए निचली अदालत द्वारा नयी तारीख जारी करने की राह में आड़े नहीं आएगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चूंकि दोषियों की कोई याचिका शीर्ष न्यायालय के समक्ष लंबित नहीं है और उनमें से तीन की दया याचिकाएं राष्ट्रपति द्वारा खारिज की जा चुकी हैं, जबकि चौथे दोषी ने अब तक दया याचिका देने का विकल्प नहीं चुना है। ऐसे में निचली अदालत फांसी के लिए नई तारीख जारी कर सकती है। न्यायमूर्ति आर भानुमति, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ केंद्र की याचिका 17 फरवरी को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दी। दरअसल, हाई कोर्ट ने चारों दोषियों की फांसी पर रोक को निरस्त करने से इनकार कर दिया था। पीठ ने कहा, ‘हम यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि इन याचिकाओं के लंबित रहने को निचली अदालत द्वारा इस विषय पर अपने अनुसार विचार करने से एक रूकावट के तौर पर नहीं लिया जाए।’ न्यायालय ने मामले में मौत की सजा का सामना कर रहे दोषी विनय शर्मा की दया याचिका राष्ट्रपति द्वारा खारिज किए जाने के खिलाफ दायर उसकी याचिका खारिज कर दी। इस तरह, शीर्ष न्यायालय ने उसे फांसी दिए जाने का रास्ता साफ कर दिया है।
निर्भया के दरिंदों की फांसी का रास्ता साफ, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- नई डेट जारी करे निचली अदालत