केंद्र सरकार की रोजगार योजनाओं की हालत पस्त! नहीं दे पार रहे लोगों को नौकरी


नई दिल्ली : केंद्र सरकार की फ्लैगशिप स्कीम पीएम एम्प्लॉयमेंट जेनरेशन प्रोग्राम के तहत चालू वित्त वर्ष के पहले 9 महीनों के दौरान रोजगार के अवसरों में 56 फीसदी की कमी आई है. घ्यह तुलना पिछले वित्त वर्ष की सामान अवधि के मुकाबले है. रोजगार एवं श्रम मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि  पीएम एम्प्लॉयमेंट जेनरेशन प्रोग्राम के तहत चालू वित्त वर्ष में अभी तक 2,57,816 लोगों को ही रोजगार मिल सका है. वहीं पिछले वित्त वर्ष इस समय तक यह संख्या 5,87,416 थी. इस प्रकार चालूघ् वित्त वर्ष में अब तक 56 फीसदी कम लोगों रोजगार के अवसर मिले हैं. दिसंबर तक के लिए जारी इस आंकड़ों को देखने पर साफ तौर से पता चलता है कि प्रधानमंत्री एम्प्लॉयमेंट जेनरेशन प्रोग्राम के तहत इस साल कम ही लोगों को रोजगार मिल सकेगा. प्रधानमंत्री एम्प्लॉयमेंट जेनरेशन प्रोग्राम एक घ्सब्सिडी लिंक्ड प्रोग्राम है, जिसे सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय द्वारा संचालित किया जाता है. इसे खादी एवं ग्रामीण उद्योग आयोग द्वारा लागू किया जाता है. यह आयोग इस योजना के लिए राष्ट्रीय स्तर पर नोडल एजेंसी के तौर पर काम करता है. राज्य स्तर पर इस योजना को राज्य ज्ञटप्ब् निदेशालय, राज्य खादी और ग्रामीण उद्योग बोर्ड, जिला उद्योग केंद्र और बैंकों के माध्यम से लागू किया जाता है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2016-17 में इस योजना के तहत 4,07,840 लोगों को रोजगार के अवसर मिले थे. हालांकि, इसके अगले साल यानी वित्त वर्ष 2017-18 में यह आकंड़ गिरकर 3,87,184 ही रहा.सबसे अधिक जम्मू-कश्मीर में कम हुए रोजगार चालू वित्त वर्ष में रोजगार के इन अवसरों में सबसे अधिक गिरावट जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख में देखने को मिली. जम्मू एवं कश्मीर में वित्त वर्ष 208-19 में कुल 60,232 लोगों को इस योजना के तहत रोजगार मिला था. लेकिन चालू वित्त वर्ष में इस योजना के तहत रोजगार मिलने वाले आंकड़े में 20,336 की कमी आई है. प्रतिशत केघ् हिसाब में देखें तो पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले चालू वित्त वर्ष में इस योजना के तहत कुल रोजगार के अवसर में 66 फीसदी तक कमी आई है.