बदलापुर(सरफराज खान) : उल्हास नदी के किनारे स्थित बदलापुर में पिछले साल बाढ़ से दो बार तबाही हुई थी। इसके बाद शहर की सकरी नालियों के सवाल पर चर्चा की गई। बिल्डरों द्वारा अतिक्रमण किए गए इन नालों का सर्वेक्षण कुलगांव बदलापुर नगरपरिषद द्वारा किया गया है। नालों की चौड़ाई प्रवाह और लंबाई का अध्ययन करने के लिए एक संगठन नियुक्त किया गया है। बदलापुर शहर को पिछले वर्ष में दो बार नुकसान उठाना पड़ा। 26 और 27 जुलाई को और 3 और 4 अगस्त को बदलापुर शहर में बाढ़ का पानी भर गया था। इसीलिए बदलापुर पश्चिम का बड़ा हिस्सा 2 दिनों तक पानी के नीचे था। इस साक्ष्य का अंबरनाथ तहसील कार्यालय द्वारा सर्वेक्षण किया गया था। इसके बाद राज्य सरकार द्वारा घोषित सहायता के अनुसार बाढ़ पीड़ितों को वित्तीय सहायता भी प्रदान की गई। लेकिन बाढ़ के कारण सकरी नालियों का सवाल अनुत्तरित रह गया। बदलापुर शहर के केंद्र से बहने वाली बड़ी नाली संकीर्ण हो गई है। बिल्डरों ने अपने जल निकासी से सटे स्थान में जल निकासी के कुछ हिस्सों को शामिल करके वास्तुशिल्प सुरक्षात्मक दीवारों को खड़ा किया है। बाढ़ में बैठने की बात पिछले साल। शुरू हुई थी। शहर में मौजूदा प्राकृतिक नालियों की लंबाई उनकी चौड़ाई उनके प्रवाह के स्थानों के लिए कुलगांव बदलापुर नगरपालिका पर कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है। इसके कारण नगर पालिका को निर्माण श्रमिक को को जल निकासी क्षेत्र में प्रवेश करने से रोकने के लिए बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है। इसीलिए पिछले कई दिनों से इन नालों के सर्वेक्षण की मांग की जा रही है। अंत में कुलगांव बदलापुर की नगर पालिका ने शहर के सभी नालों के सर्वेक्षण के लिए एक संगठन नियुक्त किया है।
बदलापुर नगर परिषद का नालियों का सर्वेक्षण