महाराष्ट्र में प्रत्येक नागरिक को मराठी आना जरूरी है


ठाणे : महाराष्ट्र और उत्तराखंड राज्यों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान के साथ एकता की भावना है। मराठी और उत्तराखंड की पहाड़ी भाषा में समानता अधिक दिखाई देगा। मराठी बोलना बहुत कठिन नहीं है।  महाराष्ट्र में रहने वाले प्रत्येक नागरिक को मराठी भाषा का ज्ञान होना आवश्यक है। उक्त संबोधन देते हुए राज्य के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने आवाहन करते हुए कहा कि, महाराष्ट्र में रहने वाले सभी गैर मराठी इस भाषा को सीखने का प्रयास करें। नवी मुंबई के वासी स्थित निर्माण किए गए उत्तराखंड भवन का लोकार्पण राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के हाथों संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्रसिंह रावत उत्तराखंड राज्य की आदिवासी मंत्री रेखा त्यागी, नवी मुंबई के महापौर जयंत सुतार, विधायक गणेश नाईक, मंदा म्हात्रे आदि गणमान्य उपस्थित थे। इस दौरान अपने संबोधन में राज्यपाल कोश्यारी ने कहा कि, उत्तराखंड राज्य की तरह महाराष्ट्र के सांस्कृतिक वैभव को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार से वह विचार विमर्श करेंगे। उन्होंने कहा कि, देश के पंतप्रधान नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश प्रगति पर चल रहा है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के माध्यम से गांव तक पक्की सड़कें पहुंच गई है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी इस योजना को प्रभावी तरीके से अमल में लाने का सतत प्रयास कर रहे हैं।  उन्होंने कहा कि आज संपूर्ण देश में सड़क की जाल फैल गई है।  सड़कों के माध्यम से देश के सभी राज्य एक दूसरे से जुड़ गए हैं।  इसलिए लोग गडकरी को सड़ककरी कहने लगे हैं।  उन्होंने कहा कि मुंबई देश की आर्थिक राजधानी है।  यहां निवास करते समय लोग अपने मूल राज्य और प्रांतों को न भूलें विकास के पथ पर अग्रसर करने के लिए लोग अपने गांव का दौरा अवश्य करें उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड में एडवेंचर टूरिज्म विकसित किया जाएगा।  जिस पर 12 सौ करोड़ रुपए खर्च कर टेहरी पर्यटन स्थल विकसित किया जाएगा।  इसके साथ ही उन्होंने उत्तराखंड मे सरकार की तरफ से चलाए जा रहे। विभिन्न उपक्रमों की जानकारी दी उन्होंने कहा कि उत्तराखंड भवन राज्य के लिए सलमान का प्रतीक है।  पर्यटन उत्पादन और निवेशकों के लिए भवन में कार्यालय बनाए जाएंगे। नवी मुंबई के महापौर जयवंत सुतार ने उत्तराखंड सरकार को सर्वोपरि मदद करने का आश्वासन दिया।