उल्हासनगर (सरफराज खान) : उल्हासनगर की धोकादायक इमारतें महक और शिवलीला के रहिवासियो द्वारा उत्साह और उम्मीद के साथ लाललोई मनाई गई, रहिवासियो ने लालसाई से अरदास करते हुये पल्लव गाकर सभी धोकादायक इमारतवासियों के पुनर्वसन लिये प्रार्थना की गई, सिंधी समुदाय द्वारा मनाई जाने वाली लाल लोई बड़ी ही धूमधाम से 13 जनवरी को मनाई गयी, ज्ञात हो कि, पंजाब में मनाई जाने वाली लोहड़ी उत्तर भारत के कई हिस्सों में दुल्ला भट्टी की कहानी के साथ-साथ गुरुद्वारों में कीर्तन और सेवाओं के साथ मनाई जाएगी, दिन में लंगर आयोजित किया जाएगा तो रात में ढोल-नगाड़ों पर भांगड़ा और गिद्दा करते हुए रेवड़ी और मूंगफली से लोहड़ी मनाई जाएगी. वहीं, लोहड़ी के बाद उत्तरी भारत के कुछ राज्यों में मकर संक्रांति 14-15 जनवरी को मनाई जायेगी, पोंगल त्योहार की भी धूम रहेगी. बच्चे और बड़े पतंग उड़ाएंगे, बोटिंग की प्रतियोगिता होगी, तिल के लड्डू और खिचड़ी का आंनद लिया जाएगा. सबसे खास, मकर संक्रांति के दिन से ही शादी-ब्याह और पूजा-पाठ जैसे शुभ कार्यों की एक बार फिर शुरुआत हो जाएगी. क्योंकि इस दिन से खरमास की समाप्ति होगी और सूर्य दक्षिणायण से उत्तरायण में प्रवेश करेगा.