भीमा कोरेगांव हिंसा पर राजनीतिक जंग


मुंबईः भीमा कोरेगांव हिंसा मामले की जांच राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी को दिए जाने के बाद अब ठाकरे वह मोदी सरकार में राजनीतिक जंग शुरू हो गई है। रांका  अध्यक्ष शरद पवार ने इस मामले में गिरफ्तार लोगों को निर्दोष बताते हुए महाराष्ट्र सरकार से जांच के लिए एक नई एसआईटी टीम के गठन की मांग की थी। लेकिन आनन-फानन में केंद्र सरकार ने 25 जनवरी को यह मामला एनआईए को सौंप दिया।  मोदी सरकार के इस फैसले से महाराष्ट्र की राजनीति गरमा गई है। शरद पवार ने हमला करते हुए कहा कि, अपनी पोल खुलने के डर से मोदी सरकार ने जल्दबाजी में यह फैसला लिया है।  जबकि नेता विपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि वह किसी भी जांच के लिए तैयार है। इन बयानों से साफ है कि, भीमा कोरेगांव हिंसा का मुद्दा आने वाले दिनों में और भी गर्म आने वाला है। ठाकरे सरकार जहा फडणवीस को लपेटे में लेने की तैयारी कर रही है, वहीं मोदी सरकार उनके लिए रक्षा कवच की तरह काम करने में जुटी है।