उल्हासनगर (सरफराज खान) : उल्हासनगर शहर के अवैध निर्माणों को नियमित करने के लिए उल्हासनगर मनपा आयुक्त सुधाकर देशमुख ने 9 जनवरी को एक सूचना जारी की है। बता दे कि उल्हासनगर शहर के 1 जनवरी 2005 के पहले के अवैध निर्माणों को नियमित करने के लिए 2006 का अधिनियम अस्तित्व में आया था। अधिनियम व नियमों में कुछ अड़चनों की वजह से तत्कालीन परिस्थितियों में अमल में नहीं लाया गया था और शहर के नागरिकों द्वारा कानून का लाभ नहीं लिया जा रहा था। उक्त अधिनियम को लागू करने मैं शहर वासियों को कई दिक्कतें हो रही है। परंतु शासन स्तर पर और मुंबई हाई कोर्ट से सितंबर 2019 में मांग निष्क्रिय हो चुकी है। उक्त अध्यादेश को फिर से कार्य नियमित करने के लिए समय अवधि बढ़ाया गया। जिस समय शासन और अदालत से अवैध निर्माणों को नियमित करने की मांग की जा रही थी। उस दौरान लोगों में उत्साह दिख रहा था। परंतु अब उसे अमल में लाया गया। तो पेनल्टी और रेट के बारे में कुछ घटको द्वारा अफवाह फैलाकर अड़चन आते हुए अमल में लाने में उत्पन्न की गई। मनपा आयुक्त सुधाकर देशमुख अनुसार दंड कम करने के लिए शासन से मांग की गई थी। अदालत के आदेश के दायरे में रहने के कारण शासन द्वारा उक्त दंड के निर्णय पर और सहमति जताई गई थी। शासन द्वारा जो समय अवधि बढ़ाकर दी गई, रेट पर अगर शासन को विचार भी करना पड़ेगा तो वह अदालत द्वारा प्राप्त पूर्वक आदेशों के चौखट के दायरे में ही रहेगा। मनपा आयुक्त ने जारी प्रशासन ने बताया है कि, इसलिए कोई भी छूट मिलने की संभावना कम ही दिखाई देती है। आयुक्त के अनुसार निर्माणों को नियमित करण प्रक्रिया में आर्किटेक्ट और स्ट्रक्चरल इंजीनियर की महत्वपूर्ण भूमिका है। आर्किटेक्ट द्वारा नक्शा बनाकर डेवलपमेंट प्लान के अनुसार होने वाले परिणाम को ध्यान में रखते हुए एसएसआई निकालने का जिम्मेदारी पूर्वक कार्य होना है। निर्माण पहले ही बने होने के कारण इनका पर्यवेक्षण नहीं होगा। आर्किटेक्ट द्वारा आश्वस्त भी किया गया है कि, उनके द्वारा जनहित के दृष्टिकोण से अत्यंत अल्प दर में प्लान बनाने का कार्य किया जाएगा। बता दें कि 9 जनवरी 2020 के दिन ऑनलाइन प्रतिक्रिया की जानकारी लेने पर यह पता चला कि, अभी तक सिर्फ 329 लोगों ने अपने आवेदन दिए हैं और 429 लोगों ने बी फॉर्म भरे हैं। ऑनलाइन प्रक्रिया के लिए बनाया संकेत स्थल आसान होने के बावजूद प्रक्रिया में लोगों द्वारा अल्प प्रति दिखाई दे रही है। मनपा आयुक्त द्वारा दी गई जानकारी अनुसार कई बार निर्देशित किया गया है।
अवैध निर्माणों को नियमित करने के लिए सूचना जारी